बृहद अरण्यक ( 4.3)
आत्मा क्या है?
प्राणों में चित्वृतियों के बीच स्थित विज्ञानमय पुरुष है, वही सामान रूप से दोनों लोकों ( इहलोक और परलोक ) में संचारित होता है। वह पुरुष ( आत्मा ) स्वप्न के रूप में इहलोक ( देह और इन्द्रियों का समुच्य ) का अतिक्रमण करता है और मृत्यु के रूपों का भी उल्लंघन करता है।
-( जीवन इहलोक में आत्मा के द्वारा देखे गए स्वप्न की ही भांति है। जो सत्य नहीं है, पर आत्मा द्वारा महसूस किया जाता है। )
आत्मा क्या है?
प्राणों में चित्वृतियों के बीच स्थित विज्ञानमय पुरुष है, वही सामान रूप से दोनों लोकों ( इहलोक और परलोक ) में संचारित होता है। वह पुरुष ( आत्मा ) स्वप्न के रूप में इहलोक ( देह और इन्द्रियों का समुच्य ) का अतिक्रमण करता है और मृत्यु के रूपों का भी उल्लंघन करता है।
-( जीवन इहलोक में आत्मा के द्वारा देखे गए स्वप्न की ही भांति है। जो सत्य नहीं है, पर आत्मा द्वारा महसूस किया जाता है। )
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